बाबा अमरनाथ यात्रा के श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए कदम उठाए जा रहे, श्राइन बोर्ड ने शुरू की ये सुविधा

जम्मू
बाबा अमरनाथ यात्रा के श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। बाबा अमरनाथ यात्रा के श्रद्धालु, यात्रा से संबंधित किसी तरह की जानकारी के लिए ई-मेल भेज सकते हैं। श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड ने हेल्प डेस्क के तहत दो ई-मेल की सेवा श्रद्धालुओं के लिए शुरू की हैं। बाबा अमरनाथ की यात्रा तीन जुलाई से शुरू होगी जो 38 दिन की होगी और 9 अगस्त को रक्षा बंधन वाले दिन संपन्न होगी।

यात्रियों के लिए जारी हुआ ई-मेल
यात्रा के लिए एडवांस पंजीकरण (Amarnath Yatra Advance Registration) 14 अप्रैल से शुरू हुआ था जो ऑनलाइन व ऑफलाइन तरीके से सुचारू रूप से चल रहा है। श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड के अनुसार आइटी हेल्प डेस्क एसएएसबी में ithelpdesksasb1@gamil.com और आइटी हेल्प डेस्क एसएएसबी 2 में ithelpdesksasb2@gamil.com में किसी एक पर ई-मेल भेज कर यात्रा से संबंधित मुद्दों का समाधान किया जा सकता है। श्रद्धालुओं को उक्त दो ई-मेल से एक मेल करनी होगी। यह बोर्ड के कार्यालय के कामकाज के समय में ही भेजी जाए।

श्रद्धालुओं से की गई है ये अपील
श्रद्धालुओं से कहा गया है कि वे बार बार ई-मेल न भेंजे। हालांकि यात्रा शुरू होने में अभी समय बाकी है लेकिन श्रद्धालुओं को यात्रा के पंजीकरण से लेकर कोई बात पूछनी हो या कोई अन्य जानकारी की जरूरत हो, तो वे ई-मेल भेज कर जानकारी हासिल कर सकती हैं। बाबा अमरनाथ यात्रा की तैयारियां जोरो पर हैं। संबंधित जिला प्रशासन व विभाग तैयारियों को तेजी दे रहे है। यात्रा के मार्गों पर दुकानें व टेंट लगाने के लिए आवेदन फार्म हासिल कर लिए गए है। अब अलाट करने की प्रक्रिया शुरू होगी।

120 लंगर संचालकों को मिल चुकी है अनुमति
वहीं लंगर वाले संगठन यात्रा के लिए राशन की सामग्री व अन्य आवश्यक वस्तुएं जुटा रहे हैं। अब तक 120 लंगर संचालकों को लंगर लगाने की अनुमति मिल चुकी है। उन्हें बोर्ड की तरफ से ऑफर लेटर जा चुके है लेकिन कई लंगर वाले अभी तक लंगर की अनुमति मिलने का इंतजार कर रहे हैं। बाबा बर्फानी लंगर आर्गेनाइजेशन के प्रधान राजन गुप्ता का कहना है कि बोर्ड के साथ बार बार संपर्क किया जा रहा है। जिन लंगर वालों ने आवेदन किया है, उन्हें लंगर की अनुमति मिलनी चाहिए।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button